Wanna know

November 10, 2020

कर दू तुझे रिहा?



मर्ज़ हूँ मैं या तेरी दवा 
कैद में मेरी, ए मेरे खुदा, 
दर्द में तेरे साथ रहूं 
या कर दू तुझे दिल से रिहा ?

रूह में मेरी बसा है तू 
जैसे इत्र में घुली फ़िज़ा !
जुदा होना देगा क्या सुकून,
या बन जाएगी एक सजा ?

जो भूल गई तुझे किसी दिन 
खुद से हो जाउंगी खफा !
तेरी ख़ुशी ही फिर भी होगी 
मेरी दुआओं में हर दफ़ा !

दर्द में तेरे साथ रहूं 
या कर दू तुझे दिल से रिहा