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June 10, 2018

नानीसा आप हो खास


नानीसा आप हो खास, रहते दिल के पास!

न करना क्रोध, लोभ, या फिर मोह माया,
अनमोल मूल्यों को कहानियों में पिरोया!
उतार दी जीवन मे, सरलता से बाते ख़ास,
नानीसा आप हो खास, रहते दिल के पास!!

इन्द्रियों पे सयंम,  कर त्याग और बलिदान,
द्रढ़ निश्चयी हो आप, प्रेरणास्पद  तपस्वी महान !
भजते भजते तेला करा दिया, हुआ न आभास,
नानीसा आप हो खास, रहते दिल के पास !!

दया मन में अपरम्पार, अपना हो या पराया,
इंसान तो इंसान, पशु पक्षियों को भी खिलाया!
कोइ याद रखे या भूले, आई न मन में खटास,
नानीसा आप हो खास, रहते दिल के पास !!

"हिन्नी, मेरी सोने की गिन्नी" यूं मुझे बुलाया,
प्यार से या डाँट में, जीवन का  पाठ पढ़ाया,
उम्मीदों पे खरी उतरु, रहता यही प्रयास,
नानीसा आप हो खास, रहते दिल के पास !!

निस्वार्थ जीवन, जिसमें सम्पूर्ण सादगी,
अपेक्षा न किसी से, आप अति आत्मत्यागी !
सदा सुहाता सिर्फ सादा सूती कपास,
नानीसा आप हो खास, रहते दिल के पास !!

कठीन आईं घड़ियाँ, शरीर ने दिया न साथ,
कठोर जीवन परीक्षा, लाल छोड़ गया हाथ!
धर्म पे बना रहा, फिर भी आपका अटूट विशवास!
नानीसा आप हो खास, रहते दिल के पास !!

अनमोल हैं आपके साथ बीता हर क्षण,
प्रेरणा आपका आचरण, करना चाहूँ अनुसरण!
सदा रहूं आपकी शरण, रहती है ये आस!
नानीसा आप हो खास, रहते दिल के पास !!

4 comments:

  1. Impressive !!

    I think when you recall your valuable days with your parents, learning & gaininings from them & fondly remember them with your words ; spoken or written, you are tendering them an invaluable gift & gratitude which they deserve & probably they live & long for !!

    I believe this is the great gratifying satisfaction for the parents for whatever they did lovingly & selflessly through out for their child !

    Quite thoughtful & heartening indeed to think about the grand parent this way !

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  2. Dear beautifully written, read several times 😍😍

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